Sector 62, Noida, India - 201301.
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Hindi Mother Tongue (Native)
English Proficient
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Master of Arts (M.A.)
Sector 62, Noida, India - 201301
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Class Location
Online (video chat via skype, google hangout etc)
Student's Home
Tutor's Home
Years of Experience in Class 10 Tuition
9
Experience in School or College
Taught in two schools in Noida.
Class Location
Online (video chat via skype, google hangout etc)
Student's Home
Tutor's Home
Years of Experience in Class 9 Tuition
9
Board
CBSE
CBSE Subjects taught
Hindi, English
Experience in School or College
Worked with a school in Noida.
Taught in School or College
Yes
Teaching Experience in detail in Class 9 Tuition
Well versed in spoken and written English. Spoken, writing and reading with excellence and great flair is an asset for a student now a days.
1. Which classes do you teach?
I teach Class 10 Tuition and Class 9 Tuition Classes.
2. Do you provide a demo class?
Yes, I provide a paid demo class.
3. How many years of experience do you have?
I have been teaching for 9 years.
Answered on 28/05/2020 Learn CBSE/Class 10/Hindi/Sparsh/Chapter 16 - Ravindra Kalekar/NCERT Solutions/Exercise 16
Answered on 28/05/2020 Learn CBSE/Class 10/Hindi/Sparsh/Chapter 16 - Ravindra Kalekar/NCERT Solutions/Exercise 16
लेखक ने ये बात इसीलिए कही है क्यूंकि उन्होंने जापानी लोगो की मानसिक रोगो से झूझती जिंदगी को बहुत ही पास से देखा.उनको लगा की पिछली जिंदगी से जुड़े रहने का कोई मतलब नहीं क्यूंकि जो गुजर गया सो गुजर गया. लेकिन भविष्ये के बारे में बहुत अधिक चिंता करने का भी कोई मायने नहीं.क्यूंकि वो भी गुजर जायेगा. इसीलिए जो भी सोचना है सुन्ना है अभी इसी वक्त वर्तमान के बारे में सोचना चाहिए.
Answered on 28/05/2020 Learn CBSE/Class 10/Hindi/Sparsh/Chapter 16 - Ravindra Kalekar/NCERT Solutions/Exercise 16
गिन्नी का सोना कहानी रविंद्र केलेकर जी की कहानी पतझड़ की टूटी पत्तियां का पहला भाग है.
रही बात व्यवहारिकता वादी और आदर्शवादी में से किसी एक का महत्व जानने की तो मान लीजिये एक बच्चा किसी स्कूल में १२ साल तक पढता है. उसको सबसे अच्छी यादें वो बच्चे देते हैं जिन्होंने उसको हमेशा सहयोग किया होगा उसके लिए तालियां बजायी होंगी उसके जन्मदिन में उसके साथ अच्छी चीज़ें दी होंगी या खुद हाथ से बनके कुछ दिया होगा. सारे अच्छे अध्यापक जिंदगी भर याद रहते हैं.
पर सबसे बुरी यादें उन बच्चों से आती हैं जिन्होंने उस बच्चे को को कभी मारा पीटा होगा, अपनी कॉपी नहीं दी होगी कुछ काम पूरा करने को.वोही सब अध्यापकों से जुडी यादों में भी बसा होता हैं. इसीलिए धरती और हमारा जीवन आदर्शवादी लोगो से सुखी बन जाता है, हमें आगे और लोगो के साथ अच्छा करने को प्रेरित भी करता है,परन्तु व्यावहारिक लोगों ने तो हमेश सावधान रहके हर किसी पे भरोसा नहीं करना सिखाया है.
Answered on 28/05/2020 Learn CBSE/Class 10/Hindi/Sparsh/Chapter 16 - Ravindra Kalekar/NCERT Solutions/Exercise 16
सबसे पहली बात यह है की गिरगिट कहानी तो एक सोवियत कहानी है.
दूसरी बात यह की गिन्नी का सोना कहानी रविंद्र केलेकर जी की कहानी पतझड़ की टूटी पत्तियां का पहला भाग है.
रही बात व्यवहारिकता वादी और आदर्शवादी में से किसी एक का महत्व जानने की तो मान लीजिये एक बच्चा किसी स्कूल में १२ साल तक पढता है. उसको सबसे अच्छी यादें वो बच्चे देते हैं जिन्होंने उसको हमेशा सहयोग किया होगा उसके लिए तालियां बजायी होंगी उसके जन्मदिन में उसके साथ अच्छी चीज़ें दी होंगी या खुद हाथ से बनके कुछ दिया होगा. सारे अच्छे अध्यापक जिंदगी भर याद रहते हैं.
पर सबसे बुरी यादें उन बच्चों से आती हैं जिन्होंने उस बच्चे को को कभी मारा पीटा होगा, अपनी कॉपी नहीं दी होगी कुछ काम पूरा करने को.वोही सब अध्यापकों से जुडी यादों में भी बसा होता हैं. इसीलिए धरती और हमारा जीवन आदर्शवादी लोगो से सुखी बन जाता है, हमें आगे और लोगो के साथ अच्छा करने को प्रेरित भी करता है,परन्तु व्यावहारिक लोगों ने तो हमेश सावधान रहके हर किसी पे भरोसा नहीं करना सिखाया है.
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9
Experience in School or College
Taught in two schools in Noida.
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Years of Experience in Class 9 Tuition
9
Board
CBSE
CBSE Subjects taught
Hindi, English
Experience in School or College
Worked with a school in Noida.
Taught in School or College
Yes
Teaching Experience in detail in Class 9 Tuition
Well versed in spoken and written English. Spoken, writing and reading with excellence and great flair is an asset for a student now a days.
Answered on 28/05/2020 Learn CBSE/Class 10/Hindi/Sparsh/Chapter 16 - Ravindra Kalekar/NCERT Solutions/Exercise 16
Answered on 28/05/2020 Learn CBSE/Class 10/Hindi/Sparsh/Chapter 16 - Ravindra Kalekar/NCERT Solutions/Exercise 16
लेखक ने ये बात इसीलिए कही है क्यूंकि उन्होंने जापानी लोगो की मानसिक रोगो से झूझती जिंदगी को बहुत ही पास से देखा.उनको लगा की पिछली जिंदगी से जुड़े रहने का कोई मतलब नहीं क्यूंकि जो गुजर गया सो गुजर गया. लेकिन भविष्ये के बारे में बहुत अधिक चिंता करने का भी कोई मायने नहीं.क्यूंकि वो भी गुजर जायेगा. इसीलिए जो भी सोचना है सुन्ना है अभी इसी वक्त वर्तमान के बारे में सोचना चाहिए.
Answered on 28/05/2020 Learn CBSE/Class 10/Hindi/Sparsh/Chapter 16 - Ravindra Kalekar/NCERT Solutions/Exercise 16
गिन्नी का सोना कहानी रविंद्र केलेकर जी की कहानी पतझड़ की टूटी पत्तियां का पहला भाग है.
रही बात व्यवहारिकता वादी और आदर्शवादी में से किसी एक का महत्व जानने की तो मान लीजिये एक बच्चा किसी स्कूल में १२ साल तक पढता है. उसको सबसे अच्छी यादें वो बच्चे देते हैं जिन्होंने उसको हमेशा सहयोग किया होगा उसके लिए तालियां बजायी होंगी उसके जन्मदिन में उसके साथ अच्छी चीज़ें दी होंगी या खुद हाथ से बनके कुछ दिया होगा. सारे अच्छे अध्यापक जिंदगी भर याद रहते हैं.
पर सबसे बुरी यादें उन बच्चों से आती हैं जिन्होंने उस बच्चे को को कभी मारा पीटा होगा, अपनी कॉपी नहीं दी होगी कुछ काम पूरा करने को.वोही सब अध्यापकों से जुडी यादों में भी बसा होता हैं. इसीलिए धरती और हमारा जीवन आदर्शवादी लोगो से सुखी बन जाता है, हमें आगे और लोगो के साथ अच्छा करने को प्रेरित भी करता है,परन्तु व्यावहारिक लोगों ने तो हमेश सावधान रहके हर किसी पे भरोसा नहीं करना सिखाया है.
Answered on 28/05/2020 Learn CBSE/Class 10/Hindi/Sparsh/Chapter 16 - Ravindra Kalekar/NCERT Solutions/Exercise 16
सबसे पहली बात यह है की गिरगिट कहानी तो एक सोवियत कहानी है.
दूसरी बात यह की गिन्नी का सोना कहानी रविंद्र केलेकर जी की कहानी पतझड़ की टूटी पत्तियां का पहला भाग है.
रही बात व्यवहारिकता वादी और आदर्शवादी में से किसी एक का महत्व जानने की तो मान लीजिये एक बच्चा किसी स्कूल में १२ साल तक पढता है. उसको सबसे अच्छी यादें वो बच्चे देते हैं जिन्होंने उसको हमेशा सहयोग किया होगा उसके लिए तालियां बजायी होंगी उसके जन्मदिन में उसके साथ अच्छी चीज़ें दी होंगी या खुद हाथ से बनके कुछ दिया होगा. सारे अच्छे अध्यापक जिंदगी भर याद रहते हैं.
पर सबसे बुरी यादें उन बच्चों से आती हैं जिन्होंने उस बच्चे को को कभी मारा पीटा होगा, अपनी कॉपी नहीं दी होगी कुछ काम पूरा करने को.वोही सब अध्यापकों से जुडी यादों में भी बसा होता हैं. इसीलिए धरती और हमारा जीवन आदर्शवादी लोगो से सुखी बन जाता है, हमें आगे और लोगो के साथ अच्छा करने को प्रेरित भी करता है,परन्तु व्यावहारिक लोगों ने तो हमेश सावधान रहके हर किसी पे भरोसा नहीं करना सिखाया है.
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