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Overview

पिछले 15 वर्षों से संस्कृत अध्ययन व अध्यापन का कार्य बड़ी मेहनत व कुशलता से कर रहा हूँ। अध्ययन मेरी आदत व अध्यापन मेरी रुचि है।

Languages Spoken

Hindi

Education

Rashtriya Sanskrit sansthan Janak puri Delhi 2010

आचार्य (m. a)

Address

Uttam Nagar, Delhi, India - 110059

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Class 9 Tuition

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Years of Experience in Class 9 Tuition

15

Board

State, CBSE

State boards taught

Delhi State Board

Preferred class strength

One on one/ Private Tutions

CBSE Subjects taught

Sanskrit, Hindi

Experience in School or College

10 years experience

Taught in School or College

Yes

State Syllabus Subjects taught

Hindi, Sanskrit

Teaching Experience in detail in Class 9 Tuition

सर्वेभ्य: नमोनम:! मैं मनीष कुमार संस्कृत अध्यापक पिछले15 वर्षों से मैं दिल्ली के एक निजी स्कूल में टी.जी.टी संस्कृत पद पर कार्यरत हूँ। विद्यालय के अतिरिक्त पिछले 12 वर्षों से ट्यूशन टीचर के रूप में भी कार्य कर रहा हूँ। किसी भी ट्यूशन को शुरू करने से पहले एक डेमो क्लास रख कर छात्र के चारों कौशलों का परीक्षण कर उसकी कमज़ोरी व उसकी ताकत को पहचान कर, उसके पूर्व ज्ञान को जानने का प्रयास करता हूँ। पहली डेमो क्लास मुझे ये जानने के लिए पर्याप्त है कि छात्र संस्कृत को लेकर क्यों परेशान है, छात्र कहाँ फंस रहा है, उसका कारण क्या है व उसे कैसे मजबूती दी जा सकती है और फिर उस पर काम कर छात्र के मन में ये विश्वास जगाता हूँ कि वो संस्कृत भी आसानी से कर सकता है। पिछले वर्षों में मेरे द्वारा ट्यूशन पढ़ाए गए सैकड़ों छात्रों में से 10 वीं कक्षा के छात्रों के न्यूनतम अंक 85 तथा अधिकतम अंक 99 रहे हैं पर यहाँ ये आंकड़े महत्वपूर्ण नहीं हैं अपितु महत्वपूर्ण है इनकी स्थिति को जानना क्योंकि जब ये मुझे मिले तो लगभग सभी संस्कृत सब्जैक्ट को लेकर परेशान थे। ये सब इस कगार पर थे कि 9 वीं व 10वीं कक्षा में संस्कृत विषय को छोड़ना चाह रहे थे, उन्हें संस्कृत में फेल होने का डर था। उसके बाद मैंने और बच्चे ने हम दोनों ने मिलकर सही दिशा में मेहनत की और धीरे-धीरे संस्कृत उनका पसंदीदा विषय बना और बोर्ड परीक्षा में सर्वाधिक अंक भी संस्कृत में ही प्राप्त किए। यही कारण है कि कुछ बच्चे अभी वर्तमान में 11 वीं 12वीं में भी संस्कृत विषय का अध्ययन कर रहे हैं। असल में अब संस्कृत में रटकर सफलता अर्जित करने का दौर समाप्त हो चुका है । अब cbse के प्रश्न पूछने के तौर तरिके बिल्कुल बदल चुके हैं। अब सफलता अर्जित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है उस सब्जैक्ट की बेसिक नॉलेज विशेष रूप से संस्कृत में और उसी बेसिक नॉलेज के माध्यम से बच्चे को विषय पढ़ाना मेरा उद्देश्य होता है। 9वीं व 10वीं कक्षा में पत्र लेखन, चित्रवर्णन, वाक्य निर्माण का आधार बेसिक नॉलेज ही है। लिखने के लिए तो बहुत कुछ है पर बस अंत मे इतना ही लिखना चाहूँगा कि यदि आपका भी बच्चा संस्कृत विषय को लेकर परेशान है तो एक बार ऑनलाइन कक्षाओं के लिए सम्पर्क अवश्य करें। धन्यवाद

Class 10 Tuition
1 Student

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Years of Experience in Class 10 Tuition

15

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State, CBSE

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CBSE Subjects taught

Sanskrit, Hindi

Experience in School or College

10 years experience

Taught in School or College

Yes

State Syllabus Subjects taught

Hindi, Sanskrit

Teaching Experience in detail in Class 10 Tuition

सर्वेभ्य: नमोनम:! मैं मनीष कुमार संस्कृत अध्यापक पिछले15 वर्षों से मैं दिल्ली के एक निजी स्कूल में टी.जी.टी संस्कृत पद पर कार्यरत हूँ। विद्यालय के अतिरिक्त पिछले 12 वर्षों से ट्यूशन टीचर के रूप में भी कार्य कर रहा हूँ। किसी भी ट्यूशन को शुरू करने से पहले एक डेमो क्लास रख कर छात्र के चारों कौशलों का परीक्षण कर उसकी कमज़ोरी व उसकी ताकत को पहचान कर, उसके पूर्व ज्ञान को जानने का प्रयास करता हूँ। पहली डेमो क्लास मुझे ये जानने के लिए पर्याप्त है कि छात्र संस्कृत को लेकर क्यों परेशान है, छात्र कहाँ फंस रहा है, उसका कारण क्या है व उसे कैसे मजबूती दी जा सकती है और फिर उस पर काम कर छात्र के मन में ये विश्वास जगाता हूँ कि वो संस्कृत भी आसानी से कर सकता है। पिछले वर्षों में मेरे द्वारा ट्यूशन पढ़ाए गए सैकड़ों छात्रों में से 10 वीं कक्षा के छात्रों के न्यूनतम अंक 85 तथा अधिकतम अंक 99 रहे हैं पर यहाँ ये आंकड़े महत्वपूर्ण नहीं हैं अपितु महत्वपूर्ण है इनकी स्थिति को जानना क्योंकि जब ये मुझे मिले तो लगभग सभी संस्कृत सब्जैक्ट को लेकर परेशान थे। ये सब इस कगार पर थे कि 9 वीं व 10वीं कक्षा में संस्कृत विषय को छोड़ना चाह रहे थे, उन्हें संस्कृत में फेल होने का डर था। उसके बाद मैंने और बच्चे ने हम दोनों ने मिलकर सही दिशा में मेहनत की और धीरे-धीरे संस्कृत उनका पसंदीदा विषय बना और बोर्ड परीक्षा में सर्वाधिक अंक भी संस्कृत में ही प्राप्त किए। यही कारण है कि कुछ बच्चे अभी वर्तमान में 11 वीं 12वीं में भी संस्कृत विषय का अध्ययन कर रहे हैं। असल में अब संस्कृत में रटकर सफलता अर्जित करने का दौर समाप्त हो चुका है । अब cbse के प्रश्न पूछने के तौर तरिके बिल्कुल बदल चुके हैं। अब सफलता अर्जित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है उस सब्जैक्ट की बेसिक नॉलेज विशेष रूप से संस्कृत में और उसी बेसिक नॉलेज के माध्यम से बच्चे को विषय पढ़ाना मेरा उद्देश्य होता है। 9वीं व 10वीं कक्षा में पत्र लेखन, चित्रवर्णन, वाक्य निर्माण का आधार बेसिक नॉलेज ही है। लिखने के लिए तो बहुत कुछ है पर बस अंत मे इतना ही लिखना चाहूँगा कि यदि आपका भी बच्चा संस्कृत विषय को लेकर परेशान है तो एक बार ऑनलाइन कक्षाओं के लिए सम्पर्क अवश्य करें। धन्यवाद

Class 6 Tuition

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Years of Experience in Class 6 Tuition

15

Board

CBSE, State

State boards taught

Delhi State Board

CBSE Subjects taught

Sanskrit, Hindi

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15 years experience

Taught in School or College

Yes

State Syllabus Subjects taught

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सर्वेभ्य: नमोनम:! मैं मनीष कुमार संस्कृत अध्यापक पिछले15 वर्षों से मैं दिल्ली के एक निजी स्कूल में टी.जी.टी संस्कृत पद पर कार्यरत हूँ। विद्यालय के अतिरिक्त पिछले 12 वर्षों से ट्यूशन टीचर के रूप में भी कार्य कर रहा हूँ। किसी भी ट्यूशन को शुरू करने से पहले एक डेमो क्लास रख कर छात्र के चारों कौशलों का परीक्षण कर उसकी कमज़ोरी व उसकी ताकत को पहचान कर, उसके पूर्व ज्ञान को जानने का प्रयास करता हूँ। पहली डेमो क्लास मुझे ये जानने के लिए पर्याप्त है कि छात्र संस्कृत को लेकर क्यों परेशान है, छात्र कहाँ फंस रहा है, उसका कारण क्या है व उसे कैसे मजबूती दी जा सकती है और फिर उस पर काम कर छात्र के मन में ये विश्वास जगाता हूँ कि वो संस्कृत भी आसानी से कर सकता है। पिछले वर्षों में मेरे द्वारा ट्यूशन पढ़ाए गए सैकड़ों छात्रों में से 10 वीं कक्षा के छात्रों के न्यूनतम अंक 85 तथा अधिकतम अंक 99 रहे हैं पर यहाँ ये आंकड़े महत्वपूर्ण नहीं हैं अपितु महत्वपूर्ण है इनकी स्थिति को जानना क्योंकि जब ये मुझे मिले तो लगभग सभी संस्कृत सब्जैक्ट को लेकर परेशान थे। ये सब इस कगार पर थे कि 9 वीं व 10वीं कक्षा में संस्कृत विषय को छोड़ना चाह रहे थे, उन्हें संस्कृत में फेल होने का डर था। उसके बाद मैंने और बच्चे ने हम दोनों ने मिलकर सही दिशा में मेहनत की और धीरे-धीरे संस्कृत उनका पसंदीदा विषय बना और बोर्ड परीक्षा में सर्वाधिक अंक भी संस्कृत में ही प्राप्त किए। यही कारण है कि कुछ बच्चे अभी वर्तमान में 11 वीं 12वीं में भी संस्कृत विषय का अध्ययन कर रहे हैं। असल में अब संस्कृत में रटकर सफलता अर्जित करने का दौर समाप्त हो चुका है । अब cbse के प्रश्न पूछने के तौर तरिके बिल्कुल बदल चुके हैं। अब सफलता अर्जित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है उस सब्जैक्ट की बेसिक नॉलेज विशेष रूप से संस्कृत में और उसी बेसिक नॉलेज के माध्यम से बच्चे को विषय पढ़ाना मेरा उद्देश्य होता है और इस बेसिक नॉलेज की शुरुआत कक्षा छठी से ही होती है यदि आपने कक्षा छठी में संस्कृत को अच्छे से पढ़ लिया व अच्छे से समझ लिया तो आगामी कक्षाओं में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। लिखने के लिए तो बहुत कुछ है पर बस अंत मे इतना ही लिखना चाहूँगा कि यदि आपका भी बच्चा संस्कृत विषय को लेकर परेशान है तो एक बार ऑनलाइन कक्षाओं के लिए सम्पर्क अवश्य करें। धन्यवाद

Class 7 Tuition
3 Students

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Years of Experience in Class 7 Tuition

15

Board

CBSE

CBSE Subjects taught

Sanskrit, Hindi

Experience in School or College

15 years experience

Taught in School or College

Yes

Class 8 Tuition
1 Student

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15

Board

CBSE

Preferred class strength

One on one/ Private Tutions

CBSE Subjects taught

Sanskrit, Hindi

Experience in School or College

15 years experience

Taught in School or College

Yes

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सर्वेभ्य: नमोनम:! मैं मनीष कुमार संस्कृत अध्यापक पिछले15 वर्षों से मैं दिल्ली के एक निजी स्कूल में टी.जी.टी संस्कृत पद पर कार्यरत हूँ। विद्यालय के अतिरिक्त पिछले 12 वर्षों से ट्यूशन टीचर के रूप में भी कार्य कर रहा हूँ। किसी भी ट्यूशन को शुरू करने से पहले एक डेमो क्लास रख कर छात्र के चारों कौशलों का परीक्षण कर उसकी कमज़ोरी व उसकी ताकत को पहचान कर, उसके पूर्व ज्ञान को जानने का प्रयास करता हूँ। पहली डेमो क्लास मुझे ये जानने के लिए पर्याप्त है कि छात्र संस्कृत को लेकर क्यों परेशान है, छात्र कहाँ फंस रहा है, उसका कारण क्या है व उसे कैसे मजबूती दी जा सकती है और फिर उस पर काम कर छात्र के मन में ये विश्वास जगाता हूँ कि वो संस्कृत भी आसानी से कर सकता है। पिछले वर्षों में मेरे द्वारा ट्यूशन पढ़ाए गए सैकड़ों छात्रों में से 10 वीं कक्षा के छात्रों के न्यूनतम अंक 85 तथा अधिकतम अंक 99 रहे हैं पर यहाँ ये आंकड़े महत्वपूर्ण नहीं हैं अपितु महत्वपूर्ण है इनकी स्थिति को जानना क्योंकि जब ये मुझे मिले तो लगभग सभी संस्कृत सब्जैक्ट को लेकर परेशान थे। ये सब इस कगार पर थे कि 9 वीं व 10वीं कक्षा में संस्कृत विषय को छोड़ना चाह रहे थे, उन्हें संस्कृत में फेल होने का डर था। उसके बाद मैंने और बच्चे ने हम दोनों ने मिलकर सही दिशा में मेहनत की और धीरे-धीरे संस्कृत उनका पसंदीदा विषय बना और बोर्ड परीक्षा में सर्वाधिक अंक भी संस्कृत में ही प्राप्त किए। यही कारण है कि कुछ बच्चे अभी वर्तमान में 11 वीं 12वीं में भी संस्कृत विषय का अध्ययन कर रहे हैं। असल में अब संस्कृत में रटकर सफलता अर्जित करने का दौर समाप्त हो चुका है । अब cbse के प्रश्न पूछने के तौर तरिके बिल्कुल बदल चुके हैं। अब सफलता अर्जित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है उस सब्जैक्ट की बेसिक नॉलेज विशेष रूप से संस्कृत में और उसी बेसिक नॉलेज के माध्यम से बच्चे को विषय पढ़ाना मेरा उद्देश्य होता है और ये बेसिक नॉलेज कक्षा छठी से आठवीं में ही ली जा सकती है। 9वीं व 10वीं कक्षा में पत्र लेखन, चित्रवर्णन, वाक्य निर्माण का आधार बेसिक नॉलेज ही है। लिखने के लिए तो बहुत कुछ है पर बस अंत मे इतना ही लिखना चाहूँगा कि यदि आपका भी बच्चा संस्कृत विषय को लेकर परेशान है तो एक बार ऑनलाइन कक्षाओं के लिए सम्पर्क अवश्य करें। धन्यवाद

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FAQs

1. Which school boards of Class 10 do you teach for?

State and CBSE

2. Do you have any prior teaching experience?

Yes

3. Which classes do you teach?

I teach Class 10 Tuition, Class 6 Tuition, Class 7 Tuition, Class 8 Tuition and Class 9 Tuition Classes.

4. Do you provide a demo class?

Yes, I provide a free demo class.

5. How many years of experience do you have?

I have been teaching for 15 years.

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सर्वेभ्य: नमोनम:! मैं मनीष कुमार संस्कृत अध्यापक पिछले15 वर्षों से मैं दिल्ली के एक निजी स्कूल में टी.जी.टी संस्कृत पद पर कार्यरत हूँ। विद्यालय के अतिरिक्त पिछले 12 वर्षों से ट्यूशन टीचर के रूप में भी कार्य कर रहा हूँ। किसी भी ट्यूशन को शुरू करने से पहले एक डेमो क्लास रख कर छात्र के चारों कौशलों का परीक्षण कर उसकी कमज़ोरी व उसकी ताकत को पहचान कर, उसके पूर्व ज्ञान को जानने का प्रयास करता हूँ। पहली डेमो क्लास मुझे ये जानने के लिए पर्याप्त है कि छात्र संस्कृत को लेकर क्यों परेशान है, छात्र कहाँ फंस रहा है, उसका कारण क्या है व उसे कैसे मजबूती दी जा सकती है और फिर उस पर काम कर छात्र के मन में ये विश्वास जगाता हूँ कि वो संस्कृत भी आसानी से कर सकता है। पिछले वर्षों में मेरे द्वारा ट्यूशन पढ़ाए गए सैकड़ों छात्रों में से 10 वीं कक्षा के छात्रों के न्यूनतम अंक 85 तथा अधिकतम अंक 99 रहे हैं पर यहाँ ये आंकड़े महत्वपूर्ण नहीं हैं अपितु महत्वपूर्ण है इनकी स्थिति को जानना क्योंकि जब ये मुझे मिले तो लगभग सभी संस्कृत सब्जैक्ट को लेकर परेशान थे। ये सब इस कगार पर थे कि 9 वीं व 10वीं कक्षा में संस्कृत विषय को छोड़ना चाह रहे थे, उन्हें संस्कृत में फेल होने का डर था। उसके बाद मैंने और बच्चे ने हम दोनों ने मिलकर सही दिशा में मेहनत की और धीरे-धीरे संस्कृत उनका पसंदीदा विषय बना और बोर्ड परीक्षा में सर्वाधिक अंक भी संस्कृत में ही प्राप्त किए। यही कारण है कि कुछ बच्चे अभी वर्तमान में 11 वीं 12वीं में भी संस्कृत विषय का अध्ययन कर रहे हैं। असल में अब संस्कृत में रटकर सफलता अर्जित करने का दौर समाप्त हो चुका है । अब cbse के प्रश्न पूछने के तौर तरिके बिल्कुल बदल चुके हैं। अब सफलता अर्जित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है उस सब्जैक्ट की बेसिक नॉलेज विशेष रूप से संस्कृत में और उसी बेसिक नॉलेज के माध्यम से बच्चे को विषय पढ़ाना मेरा उद्देश्य होता है। 9वीं व 10वीं कक्षा में पत्र लेखन, चित्रवर्णन, वाक्य निर्माण का आधार बेसिक नॉलेज ही है। लिखने के लिए तो बहुत कुछ है पर बस अंत मे इतना ही लिखना चाहूँगा कि यदि आपका भी बच्चा संस्कृत विषय को लेकर परेशान है तो एक बार ऑनलाइन कक्षाओं के लिए सम्पर्क अवश्य करें। धन्यवाद

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सर्वेभ्य: नमोनम:! मैं मनीष कुमार संस्कृत अध्यापक पिछले15 वर्षों से मैं दिल्ली के एक निजी स्कूल में टी.जी.टी संस्कृत पद पर कार्यरत हूँ। विद्यालय के अतिरिक्त पिछले 12 वर्षों से ट्यूशन टीचर के रूप में भी कार्य कर रहा हूँ। किसी भी ट्यूशन को शुरू करने से पहले एक डेमो क्लास रख कर छात्र के चारों कौशलों का परीक्षण कर उसकी कमज़ोरी व उसकी ताकत को पहचान कर, उसके पूर्व ज्ञान को जानने का प्रयास करता हूँ। पहली डेमो क्लास मुझे ये जानने के लिए पर्याप्त है कि छात्र संस्कृत को लेकर क्यों परेशान है, छात्र कहाँ फंस रहा है, उसका कारण क्या है व उसे कैसे मजबूती दी जा सकती है और फिर उस पर काम कर छात्र के मन में ये विश्वास जगाता हूँ कि वो संस्कृत भी आसानी से कर सकता है। पिछले वर्षों में मेरे द्वारा ट्यूशन पढ़ाए गए सैकड़ों छात्रों में से 10 वीं कक्षा के छात्रों के न्यूनतम अंक 85 तथा अधिकतम अंक 99 रहे हैं पर यहाँ ये आंकड़े महत्वपूर्ण नहीं हैं अपितु महत्वपूर्ण है इनकी स्थिति को जानना क्योंकि जब ये मुझे मिले तो लगभग सभी संस्कृत सब्जैक्ट को लेकर परेशान थे। ये सब इस कगार पर थे कि 9 वीं व 10वीं कक्षा में संस्कृत विषय को छोड़ना चाह रहे थे, उन्हें संस्कृत में फेल होने का डर था। उसके बाद मैंने और बच्चे ने हम दोनों ने मिलकर सही दिशा में मेहनत की और धीरे-धीरे संस्कृत उनका पसंदीदा विषय बना और बोर्ड परीक्षा में सर्वाधिक अंक भी संस्कृत में ही प्राप्त किए। यही कारण है कि कुछ बच्चे अभी वर्तमान में 11 वीं 12वीं में भी संस्कृत विषय का अध्ययन कर रहे हैं। असल में अब संस्कृत में रटकर सफलता अर्जित करने का दौर समाप्त हो चुका है । अब cbse के प्रश्न पूछने के तौर तरिके बिल्कुल बदल चुके हैं। अब सफलता अर्जित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है उस सब्जैक्ट की बेसिक नॉलेज विशेष रूप से संस्कृत में और उसी बेसिक नॉलेज के माध्यम से बच्चे को विषय पढ़ाना मेरा उद्देश्य होता है और इस बेसिक नॉलेज की शुरुआत कक्षा छठी से ही होती है यदि आपने कक्षा छठी में संस्कृत को अच्छे से पढ़ लिया व अच्छे से समझ लिया तो आगामी कक्षाओं में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। लिखने के लिए तो बहुत कुछ है पर बस अंत मे इतना ही लिखना चाहूँगा कि यदि आपका भी बच्चा संस्कृत विषय को लेकर परेशान है तो एक बार ऑनलाइन कक्षाओं के लिए सम्पर्क अवश्य करें। धन्यवाद

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Manish Kumar describes himself as पिछले 11 वर्षों से शांति ज्ञान निकेतन विद्यालय में संस्कृत व हिंदी टी. जी.टी पद पर कार्यरत हूँ।. He conducts classes in Class 10 Tuition, Class 6 Tuition and Class 7 Tuition. Manish is located in Uttam Nagar, Delhi. Manish takes at students Home and Online Classes- via online medium. He has 15 years of teaching experience . Manish has completed आचार्य (m. a) from Rashtriya Sanskrit sansthan Janak puri Delhi in 2010. He is well versed in Hindi.

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