* संस्कृत में दश लकार होते हैं -- ( लकार से संस्कृत में काल का ज्ञान होता है)
१. लट् लकार (वर्तमान काल )
२. लोट् लकार (आदेश देने अर्थ में)
३ . लड्॒ लकार (अनद्यतन भूतकाल)
४ . विधिलिड्॒ लकार (निवेदन या सुझाव अर्थ में)
५. लृट् लकार ( भविष्यत् काल )
६. लिट् लकार (अनद्यतन परोक्ष भूतकाल )
७. लुट् लकार (अनद्यतन परोक्ष भविष्यत् काल)
८. लुड्॒ लकार (सामान्य भूतकाल)
९. लृड्॒ लकार (हेतु हेतुमद् भूत या भविष्यत् )
१०. आशीर्लिड्॒ लकार. (आशीर्वाद अर्थ में)
* नोट अनद्यतन = जो आज का नहीं है |
जैसे-- कल गया या जाउँगा इत्यादि |
* नोट परोक्ष = जो आँखों से नहीं देखा |
जैसे -- राम ने रावण को मारा
23 वीं सदी में हम कहाँ होगें इत्यादि |
* नोट. हेतु हेतुमद् भूत = ऐसा होता तो ऐसा हो जाता |
जैसे -- यदि तुम नहीं जाते तो वह मर जाता इत्यादि |