द्वितीया तत्पुरुष समास
अर्थ - द्वितीया तत्पुरुष समास तत्पुरुष समास का एक भेद है। जिसके एक पद (शब्द)में द्वितीया विभक्ति होती है। इसीलिए इसे द्वितीया तत्पुरुष समास कहा जाता है ।
नियम 1
जब किसी समस्त पद के उतर पद में श्रित अतीत पतित गत प्राप्त आपन्न शब्द हों तो वहां द्वितीया तत्पुरुष समास होता है
उदाहरण - कष्टश्रित:
यहां दो शब्द हैं एक कष्ट और दूसरा श्रित , श्रित पद बाद में है इसीलिए यहां पर द्वितीया तत्पुरुष समास होगा ।
जिस कारण से कष्ट में द्वितीया विभक्ति हो जाएगी । और विग्रह बनेगा -
कष्टं श्रित: = कष्टश्रित:
कुछ अन्य उदाहरण
ग्रामगत:
जलपतित:
मोदकप्राप्त:
धनापन्न: