अधिकरण कारक
अधिकरण का अर्थ – आश्रय। संज्ञा का वह रूप जिससे क्रिया के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते हैं।
अधिकरण कारक के विभक्ति चिन्ह = में, पर
अधिकरण कारक के उदहारण :---
राम घर में रहता है । = रामः गृहे वसति ।
* जैसा कि हमें पता है, जब किसी वाक्य में '' में '' विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया जाता है तो वो अधिकरण कारक होता है। अतः यह उदहारण भी अधिकरण कारक के अंतर्गत आएगा।
मेज पर फल रखें हैं। = काष्ठपीठे फलानि सन्ति।
* जैसा कि हमें पता है, जब किसी वाक्य में '' पर '' विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया जाता है तो वो अधिकरण कारक होता है। अतः यह उदहारण भी अधिकरण कारक के अंतर्गत आएगा।